खोज रहें हैं, एक सुदामा सा कोई मिल जाए !
वैसे तो मीत बनाने को
ना जाने कब से ढूँढ रहें हैं कान्हा को भी.
अभी तक वो तो मिले नहीं.
कहते हैं, अहंकार सेकृष्ण को पाया नहीं जा सकता.
अब मीरा-राधा सा निश्छल हृदय कहाँ से लायें?
जो कृष्ण मिल जायें?
इसलिए खोज रहें हैं,
एक सुदामा सा तो कोई मित्र मिल जाए !
शुभ मित्रता दिवस !!!!
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