दिल क्यों वह चाहता है,
जो हो नहीं सकता.
फूटते बुलबुले को
फिर बनते देखा है क्या?
मालूम नहीं वह क्या है जिससे
ख़्वाहिशों की चुभन काम हो.
दिल क्यों वह चाहता है,
जो हो नहीं सकता.
फूटते बुलबुले को
फिर बनते देखा है क्या?
मालूम नहीं वह क्या है जिससे
ख़्वाहिशों की चुभन काम हो.
वाह जी क्या बात हैं। 🙏🙏🙏
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धन्यवाद .
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