वो ज़िंदगी हीं क्या
जो गुज़ारी जाए सुकून से ?
जब तक ना गुज़रा जाए दर्द से
कैसे पता चलेगा?
गुज़ारना किसे कहते हैं.
जो गुज़ारी ना जा सके
उसे गुज़ारना हीं तो ख़ास है,
भले हीं लगे हो पैबंद दर्द के .
वो ज़िंदगी हीं क्या
जो गुज़ारी जाए सुकून से ?
जब तक ना गुज़रा जाए दर्द से
कैसे पता चलेगा?
गुज़ारना किसे कहते हैं.
जो गुज़ारी ना जा सके
उसे गुज़ारना हीं तो ख़ास है,
भले हीं लगे हो पैबंद दर्द के .
Bahut sundar👌
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आपका आभार
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🙏
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outstanding
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Thank you 😊 Ayaan
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काबिलेतारीफ
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शुक्रिया
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fantastic 🙂
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thank you.
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किशोर कुमार जी का अमर नग़मा याद दिला दिया रेखा जी आपने :
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में
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यह गीत वास्तव में बड़ी गहरी और अर्थ भरी है।
वैसे सरसरी तौर से देखा जाए तो कोई ख़ास अर्थ नज़र नहींआता है. लेकिन ज़िंदगी में दर्द झेलने के बाद इन गीतों के असल और गूढ़ अर्थ नज़र आने लगते हैं.
आभार जितेंद्र जी .
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