आईना भी इस नासमझी पर
खुद से माफी नहीं मागँने देता।
कि खुद को दर्द क्यों पहुँचाना?
जमाना बैठा है इस काम के लिये।
आईना भी इस नासमझी पर
खुद से माफी नहीं मागँने देता।
कि खुद को दर्द क्यों पहुँचाना?
जमाना बैठा है इस काम के लिये।
कहते हैं जैसा साथ, वैसी बात
संगत का असर पङता है,
पर
ना फूल को आया चुभना
ना काटों को आया महकना।
If you are
irritated by every rub,
how will your
mirror be polished?
~ Rumi