लोगों के चेहरे देखते देखते ज़िंदगी कट गई।
चेहरे पहचानना अभी तक नहीं आया।
मेरी बातें सुन आईना हँसा और बोला –
मैं तो युगों-युगों से यही करता आ रहा हूँ।
पर मेरा भी यही हाल है।
मनचाहा दिखने के लिए,
लोग रोज़ नये-नये चेहरे बदलते रहते हैं।
सौ चेहरे गढ़,
कभी मुखौटे लगा, रिश्वत देते रहते हैं।
पल-पल रंग बदलते रहते हैं।
चेहरे में चेहरा ढूँढने और पहचानने की कोशिश छोड़ो।
अपने दिल की सुनो,
दूसरों को नहीं अपने आप को देखो।

You must be logged in to post a comment.