फासले भी मायने रखते हैं !!

हमेशा क़रीब होना हीं सही नही।

बहुत क़रीब से देखने पर पूरे दृश्य को नहीं देखा जा सकता है।

वे धुँधली हो जातीं हैं।

परिदृश्य या घटना का हिस्सा बन कर पूरी बातें नहीं समझी जा सकती हैं.

जैसे चित्र में रह कर चित्र देखा नहीं जा सकता.

थोङे फासले भी मायने रखते हैं।

Anurakthi – World’s first 3D Sanskrit film screened at IFFI अनुरक्ति – दुनिया की पहली संस्कृत 3 डी फिल्म

First 3D Sanskrit feature film to hit festival circuit

World’s first 3D Sanskrit film screened at IFFI

 

The 3,000-year-old Sanskrit language may not be part of our daily discourse, but a filmmaker has shot a feature film in Sanskrit in 3D.  World’s first Sanskrit 3D film ‘Anurakthi is among the main attraction in 3D category at the ongoing International Film Festival of India in Panaji in Goa.

 

3,000 साल पुरानीकहलानेवाली संस्कृत भाषा हमारे दैनिक  बोलचाल  का हिस्सा नहीं हो सकती, लेकिन एक फिल्म निर्माता ने संस्कृत में 3 डी में फीचर फिल्म बनाई है। दुनिया की पहली संस्कृत 3 डी फिल्म ‘अनुरक्ति’ गोवा में पणजी में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 3 डी श्रेणी में मुख्य आकर्षण है।

जीवन के रंग – 36

शीतल हवा का झोंका बहता चला गया।

पेङो फूलों को सहलाता सभी को गले लगाता ……

हँस कर जंगल के फूलों ने कहा –

वाह !! क्या आजाद….खुशमिजाज….. जिंदगी है तुम्हारी।

पवन ने मुस्कुरा कर कहा –

क्या कभी हमें दरख्तों-ङालों,  खिङकियों-दरवाज़ों पर सर पटकते….

गुस्से मे तुफान बनते नहीं देता है?

हम सब एक सा जीवन जीते हैं।

गुस्सा- गुबार, हँसना-रोना , सुख-दुख,आशा-निराशा

यह सब तो हम सब के

रोज़ के जीवन का हिस्सा है!!!