Day: December 10, 2022
सुकून और ख़ुशियाँ
ऐसा होता तो वैसा होता।
वैसा होता तो अच्छा होता।
अगर मन की बातें होतीं
कैसे मालूम कैसा होता?
कौन जाने क्या होता?
शायद यही सबसे अच्छा है?
अपने मन की बातें जाने दो।
बातें जैसी है वैसे स्वीकार कर लो,
ग़र ख़ुशियाँ और सुकून चाहिए।
Do not worry that your life is turning
upside down. How do you know the
side you are used to is better than
the one to come?
~ Rumi
उम्मीदों की शाख़ पर
उम्मीदों की शाख़ पर
आफ़ताब को गले लगाने की ज़िद्द ना कर।
महताब को पाने की ज़िद्द ना कर।
ज़िंदगी हमेशा हसीन कहानी सी हो
यह साजिद ना कर।
ज़िन्दगी कभी मिले राहों में,
उससे बातें कर।
बतायेगी, उम्मीदों की शाख़ पर, नई राह पर,
नये आरजूओं का सफ़र है ज़िंदगी।