कभी-कभी कुछ रिश्तों को
एक तरफ़ा चलाने को कोशिशें रोक दें,
तब वे रिश्ते मरने लगें।
कभी-कभी देखा है ,
कुछ बेज़ान रिश्ते ढोने से वे जी नहीं जाते।
दरअसल वे रिश्ते होते हीं नहीं।
ऐसे एक तरफ़ा रिश्ते को छोड़
आगे बढ़ जाना समझदारी है।
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Wonderful apt lines. Great poem, Rekhaji.
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Thanks a lot dear! 😊💕
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बहुत सही लिखा है |
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शुक्रिया वर्मा जी।
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सही कहा रेखा दीदी 👌🏼
ऐसा करके अपने को खोने से बचा
लेना ही समझदारी है 😊
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धन्यवाद अनिता। यह सच्चाई है। कई बार हम ग़लतफ़हमी में जीते हैं।
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जी ये बिल्कुल सही है 😊🙏🏼
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