इंद्रधनुष

दिव्य प्रेम के जश्न,

रास में डूब,

राधा इंद्रधनुष के रंगों से

नहा कर बोली कान्हा से –

हम रंगे हैं रंग में तुम्हारे।

रंग उतारता नहीं कभी तुम्हारा ।

कृष्ण ने कहा- यह रंग नहीं उतरता,

क्योंकि

राधा ही कृष्ण हैं और

कृष्ण ही राधा हैं।

गोपाल सहस्रनाम” के 19वें श्लोक मे वर्णित है कि महादेव जी देवी पार्वती जी को बतातें है कि एक ही शक्ति के दो रूप है – राधा और माधव(श्रीकृष्ण)।यह रहस्य स्वयं श्री कृष्ण ने राधा रानी को भी बताया। अर्थात राधा ही कृष्ण हैं और कृष्ण ही राधा हैं।

2 thoughts on “इंद्रधनुष

  1. आत्मा नारी है
    और एक ही समय में मर्दाना

    देवताओं के अस्तित्व में आने से पहले भी
    राधा और कृष्ण

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