आसमान के पन्ने पर !!!

27 thoughts on “आसमान के पन्ने पर !!!

  1. ढलती हुई शाम और उनकी यादें। बहुत ही प्यारी रचना है।

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  2. कविता बड़ी अच्छी है रेखा जी । मेरा एक पसंदीदा गीत इस कविता के भावों से तो अलग है लेकिन कविता पढ़कर मुझे याद आ गया :

    ये धुआँ धुआँ सा रहने दो
    मुझे दिल की बात कहने दो
    मैं पागल दीवाना तेरा
    मुझे इश्क़ की आग में जलने दो

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