किसी के विशेष अनुरोध पर रीब्लॉग
मंद शीतल वायु मेरे शरीर और आत्मा को ठंडक और सुख प्रदान कर रही है। साथ ही माँ के हांथों का स्पर्श और अश्रु जल भी मेरी आत्मा को शीतल कर रही है। इस के लिए पूरी जिंदगी अपने को जलता रहा था।
माँ के इस स्पर्श के लिए ना जाने कब से तरस रहा था। मैंने उसे वचन दिया था, उसके पाँच पुत्र जीवित रहेंगे। वचन पूरा करने का संतोष मुस्कान बन अधरों पर है। बचपन से आज तक मुझे अपनी जीवन के सारे पल याद आ रहें हैं। अभी तक ना जाने कितने अनुतरित प्रश्न मुझे मथते रहें हैं। कहतें हैं, मृत्यु के समय पूरे जीवन की घटनाएँ नेत्रों के सामने आ जाते हैं। क्या मेरी मृत्यु मुझे मेरे पूर्ण जीवन का अवलोकन करवा रही है? अगर हाँ, तब मैं कहना चाहूँगा- मृत्यु जीवन से ज्यादा सहृदया, सुखद और शांतीदायक होती है।
मैं अपने आप को बादल सा…
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