तारीख़ों में छुपी हैं कितनी कहानियाँ.
किसी तारीख़ से जुड़ी होतीं हैं यादें,
किसी से दर्द, किसी से ख़ुशियाँ.
किसी से उम्मीद, आशाएँ और अरमान.
और कुछ तारीख़ें कब आ कर चली जातीं हैं,
पता हीं नहीं चलता.
तारीख़ों में छुपी हैं कितनी कहानियाँ.
किसी तारीख़ से जुड़ी होतीं हैं यादें,
किसी से दर्द, किसी से ख़ुशियाँ.
किसी से उम्मीद, आशाएँ और अरमान.
और कुछ तारीख़ें कब आ कर चली जातीं हैं,
पता हीं नहीं चलता.