“न क्षयति इति अक्षय”
अर्थात जिसका कभी क्षय न हो उसे अक्षय कहते हैं वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया 26 अप्रैल 2020 को है.
अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं। तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया॥
उद्दिष्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यैः। तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव॥
इस दिन से प्रारम्भ किए गए कार्य अथवा इस दिन को किए गए दान का कभी भी क्षय नहीं होता। इस दिन किये गये शुभ कार्य का फल व पुण्य अक्षय होता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।
दानेन भुतानि वशीभवन्ति दानेन वैराण्यपि यान्ति नाशम्।
परोऽपि बन्धुत्वमुपैति दानैर्दान हि सर्वव्यसनानि हन्ति॥
Transliteration:
dānena bhūtāni vaśībhavanti dānena vairāṇyapi yānti nāśam।
paro’pi bandhutvamupaiti dānairdāna hi sarvavyasanāni hanti॥
Hindi translation:
दान से सभी प्राणी वश होते है; दान से बैर (शत्रुताओं) का नाश होता है।
दान से शत्रु भी भाई बन जाता है; दान से सभी व्यसनों का नाश होता है॥
English translation:
A charity can subdue any creature, a charity can eliminate enemies and make them allies. A charity indeed is the cure for all bad things.

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