चिड़ियों की मीटिंग

अहले सुबह नींद खुली मीठी, गूँजती आवाज़ों से.

देखा बाहर परिंदों की सभा है.

शोर मचाते-बतियाते किसी गम्भीर मुद्दे पर, सभी चिंतित थे

– इन इंसानों को हुआ क्या है?

बड़े शांत हैं? नज़र भी नहीं आते?

कहीं यह तूफ़ान के पहले की शांति तो नहीं?

हाल में पिंजरे से आज़ाद हुए हरियल मिट्ठु तोते ने कहा –

ये सब अपने बनाए कंकरीट के पिंजरों में क़ैद है.

शायद हमारी बद्दुआओं का असर है.

Stay happy, healthy and safe – 15

आत्मानं सततं रक्षेत्।

ātmānaṃ satataṃ rakṣet।

One must save oneself under any circumstances.

हर परिस्थति में अपनी, स्वंय की सुरक्षा जरुर करें।

 

Source – Swami Vivekananda in a letter to Sj. Balaram Bose (5th January 1890)

image courtesy- Chandni Sahay.