जिंदगी के पन्ने

जिंदगी के किताब के पन्ने,

हवा के शरारती झोंके से,

फड़फड़ाते शोर मचाते पलटते देखा।

 खूबसूरत नाजुक, लम्हे फिसलते देखा,

बेइंतहा इम्तिहानो से जिंदगी को गुजरते देखा,

जरूरत के वक्त रिश्तो को बदलते देखा,

पुराने फीके, पीले पन्नों जैसे फीके पङते यादों को जी कर देखा।

बस इतना ही समझ आया –

 कभी समय नहीं गुजरता और कभी-कभी समय नहीं ठहरता।

और वक्त गुजरने में वक्त नहीं लगता।

11 thoughts on “जिंदगी के पन्ने

  1. कभी समय नहीं गुजरता और कभी-कभी समय नहीं ठहरता।
    और वक्त गुजरने में वक्त नहीं लगता।

    Jab apne ho sang to pataa hi nahi chalta samay ka
    aur jab apne saath chhod de to ek ek pal katna mushkil
    jabki samay chakra wahi hota hai.

    bahut khubsurat likha hai aur satya bhi.

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