हार

हार मान लेना सबसे आसान है.

पर जब बिखरने वाले हो

तब अपने को समेट लेना

असल हौसला है.

क्योंकि………

यह हौसला यह आत्मबल

बाहर नहीं हमारे अंदर होता है.