ज़िंदगी के रंग -190

कुछ ना कुछ सबक़ ले कर आती है….

ख़्वाबों, ख़्वाहिशों को तोड़ती,

ज़िंदगी की ठोकरें.

तराशती है अनगढ़े टुकड़े को….