यह है रचनात्मकता और बच्चों-बड़ों
को हरियाली का मोल समझना .
बच्चे को आग से बचना, डूबने से बचाव करना
दूसरों की मदद करना , वन और प्राणियों का
संरक्षन करना जैसा ज्ञान दें यह भी आवश्यक हैं.
मात्र किताबी ज्ञान समुचित नहीं .
यह है रचनात्मकता और बच्चों-बड़ों
को हरियाली का मोल समझना .
बच्चे को आग से बचना, डूबने से बचाव करना
दूसरों की मदद करना , वन और प्राणियों का
संरक्षन करना जैसा ज्ञान दें यह भी आवश्यक हैं.
मात्र किताबी ज्ञान समुचित नहीं .
waah badhiya….aisa india me bhi ho
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होना चाहिए . Mujhe bhi yah pasand aayaa .
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Wow!! Interesting and much needed…. Only 20% forest area is alarming indeed.
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True. It’s an innovative idea.
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वाक़ई सुंदर सोच है !
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लाजवाब विचार है. सोचों ज़रा , हम अपनी डिग्रियाँ अपने बच्चों को दिखाते है. ऐसे में बड़े बड़े फल- फूलों से लदे वृक्ष दिखला कर कह सकेंगे – यह मेरे स्कूल या कालेज का रिज़ल्ट है. 😊😊
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Haan sachmuch!!
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🌲 🌳 जंगल नष्ट होने की समस्या हीं ख़त्म हो जाएगी .
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पुरानी शिक्षा प्रणाली कितनी अच्छी थी, जब हमें नैतिक कर्तव्यों को भी सिखाया जाता था लेकिन आज- भारत की खोज किसने की? “वास्कोडिगामा” रट लो बेटा एक नंबर पक्का है। 😊
मसालों की रानी किसे कहते है? “लोंग” को, रट लो बेटा एक नंबर पक्का है। हमारी शिक्षा आज लौंग के बारे में उसके कुछ गुण और उपयोग नहीं बताएंगे लेकिन रटना सिखाएंगे।
शिक्षा का मतलब यह बताना नहीं है कि टमाटर गोल होता है। बल्कि यह बताना है कि टमाटर गोल क्यूँ होता है। और इनकी क्या उपयोगिता है?
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तुमसे मैं बिलकुल सहमत हूँ.
अभी हाल में गुजरात के coaching institute में आग लगी. उन बच्चों को अगर आग से जीवन रक्षा के तरीक़े सिखाए गए होते , तब तय है कि इतने बच्चों की जानें नहीं जातीं.
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