You, yourself, as much as anybody in the entire universe, deserve your love and affection.

Buddha
Accept and love yourself !!
Buddha
India could soon have more writers than readers: Ruskin Bond
समाज में लेखकों की गिनती बढ़ना,
बुद्धिजीवियों के बढ़ने की पहचान है.
लेखक तो स्वभाविक रूप से पाठक होते है.
अच्छा लिखने की पहली शर्त है पढ़ना .
इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है कि पाठक कितने है?
आप सब इस कथन पर अपने विचार देने के लिये आमंत्रित है।
बड़े सिद्दत से, संजीदगी से ,
यादों को क़ैद कर रही थी .
मन में, ख़यालों में,
कुछ नई यादों में भी.
जब लगा कुछ मीठी सी
जमा हो चुकी
है यादे .
तब समझ आया
नहीं क़ैद मेरे पास कुछ भी .
मैं हीं क़ैद हूँ यादों में.