Day: May 12, 2019
तारीख़
साल, दिन, महीने, तारीख़ें आतीं हैं …जातीं हैं…..
कुछ यादें कहीं किसी तारीख़ में अंटक जाती हैं.
man’s own mind
It is a man’s own mind,
not his enemy or foe,
that lures him to evil ways.
Buddha 🌈
ज़िंदगी के रंग -150
वजूद है मेरी कुछ उलझी , कुछ सुलझी
अटकी इक तारीख़ के साथ.
जिसके आने का इंतज़ारों रहता
है और जाने का भी, यादों को झिंझोड़कर .
तुमसे बस यही पूछना था …..
जाने से पहले याद किया था क्या ?