शून्य -कविता #Zero -Poem


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 हम शून्य से उपजे हैं

शून्य में मिल जायेंगे.

सिफर को सिफर नहीँ

जिंदगी का सफर मानो

यही हैं जीवन का गणित

सब में मिल सकता हैं यह

 अलग हो, फ़िर भी  अनमोल होगा .

 गणित को शून्य  दिया ……

पूज्यम आर्यभट्ट ने,

 हम शून्य से उपजे हैं

शून्य में मिल जायेंगे

शब्दार्थ –

शून्य – सिफर , पूज्यम , जीरो ,अनन्त.

अखरोट मखाना गुङ के स्वास्थवर्धक लङ्ङू – दिवाली के अवसर पर Healthy Walnut and Fox Nut laddoo


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त्योहारों में अक्सर गरिष्ठ मिठाइयोँ का प्रचलन है। इस दिवाली पर स्वादिष्ट, स्वस्थवर्धक लङ्ङूअों का मजा लिजीए। इसमे चीनी या घी बिलकुल नहीं है। इसे बनाना भी सरल है।

लङ्ङू
अखरोट- २०० ग्राम
मखाना – १०० ग्राम

बादाम – ५०ग्राम

चार मगज – १०० ग्राम ( तरबूज, सीताफल(कद्दू), खरबूजा और खीरे के बीज)

गुङ – २५० ग्राम

नारियल – १ कद्दुकस करें या मिक्सी में पीस लें

चाँदी का वर्क – ( अगर पसंद हो)

अखरोट , मखाना,बादाम,कद्दू के बीज अौर मगज अलग-अलग हलका भुनें। सूखा हीं मिक्सी में दरदरा पीस लें। गुङ को कद्दुकस करें। सभी सामग्री अच्छे से मिला कर थोङा मसलें। फिर इसे लङ्ङू बनाएँ।
वर्क लगायें। स्वादिष्ट, स्वस्थवर्धक लङ्ङू तैयार हैं।

अखरोट के फायदे – यह मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम व दिमाग को तरावट देता है। इससे तनाव का स्‍तर घटता है। इसके सेवन से ब्‍लड़ प्रेशर नियंत्रित होता है अौर अच्‍छी नींद आती है। इसे बुद्धिवर्धक, लम्‍बे जीवन देने वाला अौर वजन घटाने वाला माना गया है। मधुमेह मे अखरोट लाभकारी होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी अखरोट लाभप्रद है। यह बुरे कोलेस्ट्रोल को कम कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है।
मखाना के फायदे – इसमें कैल्शियम, एटीं-आॉक्सीङेंट व एटीं-एजिंग गुण होते हैं। यह घुटनों, कमर दर्द व मधुमेह के लिये लाभदायक है। यह किङनी तथा दिल को सेहतमंद बनाता है।
बादाम के फायदे – इससे दिल हेल्दी रहता है। खराब कोलेस्ट्रॉल में राहत मिलती है और बढ़िया कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।  इसमें मौजूद विटामिन ई  एंटीऑक्सीडेंट  है। बादाम में मौजूद फ्री रेडिकल उम्र के असर और सूजन को रोकता है।

कद्दू के बीज अौर मगज  के  फायदे – डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी है। वजन घटाने को बढ़ावा देते हैं। बालों की ग्रोथ, सूजनरोधी, बेहतर नींद लेने में मददगार व एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर हैं। दिल को स्वास्थ्य रखता है। मगज ब्लड प्रेशर नियंत्रित,  आंखों, बालों और नाखूनों को हेल्दी, इम्यून सिस्टम करता है स्ट्रांग बनाता है।यह गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है। यह स्ट्रेस दूर करता है। यह कब्ज और एसिडिटी में भी फायदेमंद है।
 
नारियल के  फायदे  –  यह पोषक तत्‍वों का खजाना है। इसमें कॉपर, सेलेनियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जस्ता में जैसे खनिज मौजूद होते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद वसा हेल्‍दी फैट में काउंट होती है।
 
 
 
नोट-

१ यह लङ्ङू मखाना के बिना सिर्फ अखरोट से भी बना सकतें है।
२ गुङ की मात्रा जरुरत अौर स्वाद के अनुसार ज्यादा भी ङाल सकतें हैं।
३ इस लङ्ङू का सेवन कम मात्रा में करें।
४ लङ्ङू की सामग्री को बारीक भी पीस सकतें हैं।

शुभ दिवाली!!!!

Happy diwali!!!!

दरवेश रक्स / नृत्य- कविता (whirling Darvesh/ sufi dance- Poem)


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जीवन एक नृत्य हैं.

शायद दरवेश रक्स की तरह ,

गोल गोल अपने  ही घेरे में

घूमते और झूमते.

चलती रहती हैं जिंदगी.

या दिये की लौ की तरह हैं.
ऊपर उठती खुशी से लपलपाती.

कभी जीवन के झँझावात जैसे

हवा  के झोंकों को झेलती.

कांपती , ठिठकती.

कभी लौ  के खुबसूरत रंग .

.पीले लाल सुनहरे रंग जैसी जिंदगी .

दीपायमान लौ या  दरवेश रक्स

क्या हैं ये  जिंदगी?

जागरूकता –  मानसिक स्वास्थ mental health awareness


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mh

Great initiative by Accio health – event on spreading mental health awareness.

What is psychosomatic problems ? Watch the video.

आज़ के भाग दौड़ के युग में  छोटी -छोटी मानसिक समस्याएँ बढ़ती जा रहीं हैं. जो आगे चल कर गम्भीर रुप लेने लगती हैं,  क्योंकि अक्सर हम इन समस्याओं पर उचित ध्यान नहीँ देते हैं. हमारे समाज में मानसिक समस्याओं को नकारात्मक रुप में देखा जाता हैं. इसलिये भी लोग इन समस्याओं   को  बताने  और सहायता लेने में झिझकते हैं.

Watch the video  – Conversation around mental health  

               जब कि,  मानसिक स्वस्थ पर भी शारीरिक स्वस्थ की  तरह ध्यान देना ज़रूरी हैं. बहुत सी स्वस्थ सम्बन्धित समस्याएँ साइकोसोमैटिक होतीं हैं. अर्थात मानसिक समस्याएँ गम्भीर शारीरिक बीमारियों का रुप लेने लगती हैं.

एकसीओ   हेल्थ ने  मनसिक स्वस्थ सम्बन्धित जागरूकता फैलने के लिये  ने एक सफल ऑनलाइन, लाईव कार्यक्रम आयोजित किया. जिसका लाईव शो फेस बुक पर भी आया.

इसमें अपने विचार स्मिता, समेँथा और डा रेखा ने प्रस्तुत किये हैं और  अनु के अपनी खूबसुरत कविता सुनाई . इसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं –

Watch the video- Conversations around mental health

जिंदगी के रंग – कविता 10

कभी हमनें बिना सोंचे कुछ कह दिया।
उलझन में , कभी बिना बोले रह गये।

ना जाने इस  गलतफहमी में

कब कहाँ किसी का दिल दुखा दिया,

कब अपने दिल में छाले बना लिया………..

 

 

 

 

 

दुनिया के धोखे

बातें करते हैं लोग बङी-बङी,

बनते है शिक्षित और बौद्धिक,

दूसरों को कहतें हैं फरेबी अौर धोखेबाज।

कुछ ने बेबसी – गरीबी से धोखा दिया।

पर उनका क्या  जो सबल – सामर्थवान-धनवान हैं?

कहतें हैं पाना मुश्किल था,

इस लिये धोख का सरल राह पकङ ली?

सभी चीजें मुश्किल  है,

पाने के बाद  हीं वे आसान होती हैं

क्या बस   धोखे की दुनिया है?

दिवाली अौर मोमबत्ती कविता, Diwali N candle-spiritual poem


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अंधेरे में जल उठी छोटी सी  मोमबत्ती,

रोशन कर दिया जहाँ।

सारा अंधकार तिरोहित हो गया।

दिल में ख्याल आया -मोमबत्ती बन जाऊँ।

सभी को राह दिखाँऊ……….

खुशी अौर रौशनी बिखेरूँ ,

                      मोमबत्ती मेरी बात सुन हँस पङी अौर बोली –

क्या अपने दिल को जला  कर आसूँ बहा  सकोगी?

अपने को तपा अौर गला सकोगी?

पवन  के झूमते थपेङों से अपने को बचा सकोगी?

तभी दिवाली होगी।

तभी रौशन होगा यहाँ अौर सारा जहाँ।

image from internet.

रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं (कविता) #RavanVadhh


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woman

सदियाँ अौर युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा,

उसने अत्याचार किया, पर परस्त्री को स्पर्श नहीं।

आज के रावण तो नारी अस्मिता के भक्षक हैं।

नहीं लगाते दहेज पर विराम।

पर काली -दुर्गा कहलानेवाली के गर्भयात्रा को हीं रोक देतें हैं……….

क्यों नारी नापी जाती है मात्र रुप-रंग से,

क्यों नहीं योग्यता बौद्धिकता से?

क्यों नहीं यह माप-दंङ पुरुषों पर लागु है?

सुंदरता तो हमारे नयनों में होती है।

यह सब सौंदर्य बोध अौर नियम तो हमने बना लिया है………….

सदियाँ अौर युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा,

रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं।

images from internet, with thanks.

 शरद पूर्णिमा 15.10.2016

 

moon-1

 

आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं।  इस साल शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को है। यह शरद ऋतु या जाडे के मौसम के आगमन  का   सूचक हैं.

मान्यता –

माना जाता हैं  इस रात चंद्रमा से अमृत बरसता हैं और चंद्रमा की किरणें विशेष गुणों से भरी  रहती हैं. अत  शरद पूर्णिमा की रात कई  लोग घरों की छतों पर खीर रखते हैं. अगले दिन इस खीर को  आरोग्य वर्धक प्रसाद  के रुप में खाया  जाता है।

यह भी किंवदन्ति  हैं भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात रास रचाया था .एक  मान्यता के अनुसार इस रात  लक्ष्मी जी रात्रि भ्रमण के लिये निकलती हैं.

इन सब मान्चयताओं    की वजह से इस  रात कुछ  समय चाँद  को देखना और चाँदनी में समय बिताना अच्छा माना जता हैं.|

अभिमन्यु की तरह (कविता) poem of an unborn baby

The REKHA SAHAY Corner!

baby

चक्रव्यु तोङने वाले ,

अभिमन्यु की तरह सुनती वहाँ,

बाहर की बातें  –

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,

मुझे नहीं पता, मैं कौन हूं?  बेटा या बेटी ?

पर बङे  शुकून से मैं थी वहाँ,

सबसे सुरक्षित, महफूज।

तभी, एक  दिन किसी ने प्रश्न किया  –

          बेटा  है या बेटी ?

आवाज  आई – बेटी !!

धीमा सा  उत्तर आया – नहीं चाहिये, गिरा दो । 

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