तरीके और हथियार ( कविता )

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उसके पति ने कहा ,
सजावट की तरह रहो ,
कौन तुम्हें मदद करेगा ?
यह पुरुषों की दुनियाँ हैं.
सब के सब , कभी न कभी
ऐसे रिश्ते बनाते हैं.
अगर तुमने मेरी जिंदगी मॆं
ज्यादा टाँग अडाई ,
तब सब से कह दूँगा –
                       यह औरत पागल हैं.

उसने नज़रें उठाई और कहा-
सब के सब तुम्हारे जैसे नहीँ हैं.
तुम्हारे ये तरीके और हथियार पुराने हो गये ,
मुझ पर काम नहीँ करते.
हाँ , जो तुम जैसे हैं ,
वहीं तुम्हारा साथ देते हैं.

मैं नारी हूँ, रानी हूँ, शक्ति हूँ।
इसलिये शर्मिंदा होने का समय तुम्हारा हैं.
मेरा नहीँ.

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आज़ के आधुनिक समय में अभी भी  कुछ ऐसे लोग  मिल जाते हैं , जो नारी को समानता  का दर्ज़ा देने में विश्वाश  नही रखते.

 

 

छायाचित्र इंद्रजाल /   internet   से।

नारी (कविता)

 

 

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नारी जब तक अबला हो, दुनिया के बनाये नियमों को 

बिना प्रश्न किये मानती जाये,

अच्छी लगती है, भोली लगती है। 

                                       सीता अौर सावित्री लगती है।

अगर भूल से भी प्रश्न करे, या ना माने 

तब कहते हैं- चरित्रहीन, पागल अौर  ना जाने क्या-क्या। 

सही कहा है, ये बातें अौर हथियार पुराने हो गये। 

नई बात तो तब होगी,  जब उसे सम्मान अौर बराबरी मिले,

                                   ईश्वर की सर्वोत्म  सुंदरतम रचना को ,

आधी आबादी को पीछे छोङ कितना आगे जायेगें हम?

 

 

images from internet.

 

 

 

कुछ तो लोग कहेंगें

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कुछ लोग कहतें हैं, 

तुम्हे इस दुनिया में

रहना नहीं आता।

बङी कङवी बातें लिखती हो,

सच्चाई  तो कङवी दवाई होती हीं है।

क्या मैं इस दुनिया के लायक नहीं हूँ?

या कोई अौर जहाँ है मेरे लिये?

 

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छाया चित्र / images from internet

 

तो लोग क्या कहेगें? (कविता)

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पूरे आस-विश्वास के साथ वह लौटी  पितृ घर,

           पिता की प्यारी-लाङली

          पर ससुराल की व्यथा-कथा सुन,

        सब ने कहा- वापस वहीं लौट  जा।  

                किसी से कुछ ना बता,

                 वर्ना लोग क्या कहेगगें ?

इतने बङे लोगों के घर की बातें बाहर जायेगी, तो लोग क्या कहेगें?

(  लोग सोचतें हैं, घर की बेटियों को परेशानी में पारिवारिक सहायता मिल जाती है। पर पर्दे  के पीछे झाकें बिना सच्चाई  जानना मुशकिल है। कुछ बङे घरों में  एेसे भी ऑनर किलिंग होता है)

 

छाया चित्र इंटरनेट के सौजन्य से।

मॉडेल बने किन्नर /ट्रांसजेंडर ( जैसे अर्जुन बने थे वृहनल्ला )

किन्नर   या ट्रांसजेंडर

प्रकृति  में नर नारी के अलावा एक अन्य वर्ग भी है जो न तो पूरी तरह नर होता है और न नारी। जिसे लोग हिजड़ा या किन्नर या फिर ट्रांसजेंडर के नाम से संबोधित करते हैं।  इनमे पुरुष और स्त्री दोनों के गुण एक साथ पाए जाते हैं।

महाकाव्य  महाभारत  में किन्नर

 

 

     अर्जुन अौर उलुपि के पुत्र इरावन को किन्नरों के अराध्य देव माना जाता है।  किवदन्ति है कि पांङवों को महाभारत विजय के लिये एक बलि की जरुरत थी।  इरावन इसके लिये तैयार हो गया। पर बलि से पहले वह विवाह करना चाहता था। अतः कृष्ण ने मोहिनी नाम की नारी का रुप धारण कर इरावन से एक रात  का विवाह रचाया था। विल्लुपुरम मंदिर में अप्रैल और मई में हर साल किन्नर १८ दिन का  धार्मिक त्योहार मनाते हैं।  त्योहार के दौरान,भगवान कृष्ण और इरावन की शादी व इरावन के बलिदान की  कहानी दोहराइ जाती है ।

 

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शिखंडी महाभारत युद्ध में

महाभारत में अर्जुन ने  एक  साल के लिये किन्नर का रुप धारण किया था और अपना नाम वृहनल्ला रख लिया था.   इसी तरह शिखंडी  हिंदू महाकाव्य में एक  किन्नर चरित्र  है । जो पांचाल के राजा द्रुपद का पुत्र अौर पांचाली व धृष्टद्युम्न  का भाई था। शिखंडी ने पांडवों के पक्ष में कुरुक्षेत्र युद्ध में हिस्सा लिया तथा भीष्म की मृत्यु  का कारण बना।

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रामायण में किन्नर-

रामायण के कुछ संस्करणों में लिखा है, जब राम अपने 14 वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या छोड़ने लगे  हैं। तब अपने साथ आ रही प्रजा को वापस अयोध्या लौटने कहते   हैं।

पर 14 साल के बाद लौटने पर किन्नरों को वहीं अपना इंतजार करते पाया। उनकी भक्ति से राम ने खुश हो किन्नरों को वरदान दिया कि उनका आशीर्वाद हमेशा  फलित होगा। तब से बच्चे के जन्म और शादी जैसे शुभ अवसरों के दौरान वे  लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं । 

 

ग्रह अौर टोटके 

  •  बुध को नपुंसक  ग्रह माना गया है। अतः  कुंडली में जब बुध  कमजोर हो तो उस समय किसी किन्नर को हरे रंग की चूड़ियां व साडी दान करनी चाहिए। इससे लाभ होता है।  

  •  मान्यता  है, किन्नरों की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे वक्त को  दूर कर सकती हैं। और यदि धन का लाभ चाहते है तो किसी किन्नर से एक सिक्का लेकर अपने पर्स में रखे।

  •    इन्हें   मंगल मुखी कहते है क्योंकि ये केवल मांगलिक कार्यो में ही हिस्सा लेते हैं मातम में नहीं।

इन किन्नरों या ट्रांसजेन्डरो को समाज में बराबरी का दर्जा नहीँ दिया जाता हैं। जबकि हमारे महाकाव्यों में  इनकी विषद चर्चा है। ये शादियों, बच्चे के जन्म में नाच गाने, भीख मांगने और देहव्यापार से ही आजीविका चलाते हैं।  ऐसे में इन में से कुछ को केरल में माडलिंग का अवसर प्रदान किया गया हैं।  ये किन्नर मॉडल हैं – माया मेनन और गोवरी सावित्री। उन्हें मॉडलिंग का कोई अनुभव नहीं है। उनका   कहना है कि सामाजिक संस्था क़रीला के ज़रिए इन्हें यह अवसर मिला। क़रीला केरल में एलजीबीटी समुदाय के लिए काम करने वाली एक संस्था है। 

 

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चेहरा नहीं तो भाग्य तो सुन्दर होता (कविता)

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वह कभी आइने में अपना सुकुमार सलोना चेहरा देखती

कभी अपनी माँ को।

दिल में छाले, सजल नेत्र, कमसिन वयस, अल्पशिक्षित 

  कुछ माह की विवाहिता,

पति के चरित्रहिनता व बदमिजाजी से तंग,

वापस आई पिता ग़ृह, अपना घर मान कर।

माँ ने वितृषणा से कहा – 

पति को तुम पसंद नहीं हो।

तुम्हारा चेहरा नहीं, कम से कम भाग्य तो सुन्दर होता।

वह हैरान थी, माँ तो विवाह के पहले से जानती थी

उसके ससुराल की कलकं-कथा,

अौर कहा था – घबराओ नहीं,

जल्दी हीं सुधर जायेगा। 

“मेहंदी रंग लायेगी” 

फिर आज़ यह उसके  भाग्य अौर चेहरे की बात कहां से आई?

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प्रकाश प्रदूषण- नविनतम खोज

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अधिक कृत्रिम रोशनी प्रकाश प्रदूषण पैदा करता है। नविनतम खोज प्रकाश प्रदूषण गणना प्रस्तुत करते हैं। दुनिया के 80% से अधिक है और अमेरिका और यूरोपीय आबादी के 99% से अधिक लोग प्रकाश प्रदूषित माहौल में रहते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्यता आज अपने ही बनाए प्रकाश की चादर में ढंक गई है। जो कोहरे की चादर जैसी हमारे चारों ओर छा गइ है। यह हमारी दृष्टि के लिए बाधा है।

विकसित माने जाने देशों में प्रकाश प्रदूषण सबसे ज़्यादा है. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के देशों में 99 प्रतिशत लोगों के लिए आकाशगंगा अदृश्य हो चुकी है।

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पूर्व नाज़ी गार्ड को ९४ साल के वयस में जेल

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नाज़ियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आउसवित्स शिविर में 11 लाख़ से ज्यादा लोगों की हत्या की थी जिनमें ज्यादातर यहूदी थे.

जर्मनी के पश्चिमी शहर डेटमॉल्ड में चार महीनों तक चले मुकदमे के बाद यह फ़ैसला आया है. 1942 से 1944 तक आउसवित्स में गार्ड रहे हनिंग ने शिविर में हुई घटनाओं की जानकारी होने की बात क़बूली . हनिंग ने कोर्ट को बताया – “मैं कहना चाहता हूं कि ये बात मुझे बहुत परेशान करती है कि मैं ऐसे आपराधिक संगठन का हिस्सा रहा. मैं शर्मिंदा हूं कि मैं अन्याय को देखता रहा और मैंने कुछ नहीं किया और इसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूं. मुझे बहुत-बहुत खेद है.”

दक्षिण पोलैंड के आउसवित्स यातना शिविर में गार्ड रहे 94 साल के राइनहोल्ट हनिंग को पांच साल की जेल हुई है.
उन्हें एक लाख़ 70 हज़ार लोगों की हत्या में मदद करने का दोषी पाया गया है.

फ़ासिज़्म या राष्ट्रीय समाजवाद ,  जर्मनी की नाजी पार्टी के साथ जुड़ा राजनीतिक दल था। यह 1920 के दशक में शुरू हुई। पार्टी  ने 1933 में सत्ता हासिल किया तथा 1945 द्वितीय विश्व युद्ध तक जर्मनी में रही।  

 

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जीन मैपिंग और सौंदर्य

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हर इंसान की जेनेटिक बनावट अलग होती है. जिसे जीन मैपिंग कहते हैँ। वजह से लोग अलग अलग दिखते हैं. अलग बीमारियों के शिकार होते हैं.किसी को दिल की बीमारी होती है तो किसी को डायबिटीज़ की.  कई लोगों ने इसकी मदद से ख़ुद के बारे में  विभिन्न जानकारियां हासिल की है.

आजकल जीन मैपिँग का इस्तेमाल लंदन, बर्लिन , न्यूयार्क , सिंगापुर , हांगकांग जैसे देशों में खूबसूरत बनाने के लिये किया जा रहा हैं.

कुछ कम्पनियाँ  जीन मैपिंग   और डीएनए  टेस्ट का काम करती है. इससे प्राप्त नतीजों के आधार पर ट्रीटमेंट  प्रदान किया जाता हैं.

 

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बंद द्वार ( कहानी )

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                           धोखे और फरेब के बीच उसने जिंदगी काट दी.  इस आस के साथ, कभी तो वह सुधरेगा , कभी तो भगवन से डरेगा. फिर एक दिन ढलती उम्र में उस ने  हिम्मत कर पति से कहा -” मैं छोड़ दूँगी तुम्हे , अगर तुम नहीँ सुधरोगे.” उसे पूरा विश्वाश था , रिटायर होता पति घबरा जायेगा.उम्र की दुहाई देगा और सुधर जायेगा. पति को किसी सोंचा में डूबा और चुप  देख , वह खुश हुई. चलो  तीर निशाने पर लगा हैं. थोड़ी देर पति का कोई  जवाब ना पा कर उसने  नज़रें उठायी । 

वह फोन पर  किसी को अपने घर आने का आमंत्रण दे रहा था और उसके जाने की खुशखबरी सुना  रहा था.

वह सपने देख रही थी कि वह  उसे रोकेगा. माफी माँग भूल सुधार लेगा. 
पर पति ने तर्जनी के इशारे से उसे दरवाजा दिखाया. वह चुपचाप  घर से निकल गई. पीछे से द्वार बंद होने की आवाज़ आई.

 

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