नसीहत

ज़िंदगी ने कहा,

ध्यान से पढ़ो मेरा सबक़ ।

ये नसीहत

हमेशा काम आएँगे।

वरना इम्तहान

बार-बार होता रहेगा।

4 thoughts on “नसीहत

  1. हमें जीवन का जवाब देना है
    हमारी भाषा के साथ
    जैसे सभी जीव इसे अपने तरीके से करते हैं
    जिंदगी
    उत्तर
    देना

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