Don’t limit yourself!

The garden of the world has no limits, except in your mind.

इस दुनिया में…..दुनिया के बाग़ में सम्भावनाओं की कमी नहीं. अपने आप को सीमित मत करो, अपने मानोमस्तिष्क के विचारों और सीमाओं में बाँध कर.

Rumi ❤️❤️

4 thoughts on “Don’t limit yourself!

  1. संयम जरूरी है मगर खुद को बांधना मतलब प्रकृति को बांध देना है। क्योंकि हम प्रकृति के अंग हैं।

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    1. बहुत अच्छी बात कही है आपने. हम सब प्रकृति के अंग हैं. इसलिए बंधन नहीं संयम की ज़रूरत है.
      बहुत आभार ख़ूबसूरत विचार के लिए.

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