समझौता, भोलापन, भरोसा हँस पङे।
बोले हमारे साथ रहने वाले का यही हश्र होता है
पर एक बात है!
हम जिंदगी का आईना अौर दुनिया की असलियत जरुर दिखा देतें हैं।
समझौता, भोलापन, भरोसा हँस पङे।
बोले हमारे साथ रहने वाले का यही हश्र होता है
पर एक बात है!
हम जिंदगी का आईना अौर दुनिया की असलियत जरुर दिखा देतें हैं।
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने रेखा जी। सुप्रभात लेकिन जिंदगी के बाजार में सबकुछ बिकता है लाईन का अर्थ क्लीयर नहीं हुआ किस सेंस में प्रयोग किया गया है।
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रजनी जी आज की कविता के लिये आपके सुझाव के लिये मैं तहे-दिल से आपकी आभारी हूँ।
अकसर लिखने के बाद व post करने से पहले किसी से चर्चा करती हूँ। ताकि कुछ कमी हो तो जानकारी हो जाये। पर बहुत बार ऐसे हीं post भी कर देती हूँ। पर संशय बना रहता है – ठीक लिखा है या नहीं?
अंतिम पंक्ति को मैंने ठीक किया है, बताईगा, अर्थ क्लीयर है या नहीं। धन्यवाद आपकी समीक्षा के लिये।
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रेखा जी हर इंसान का सोचने का नजरिया अलग अलग होता है। मेरे विचार से आपके ऊपर के छे लाईन में ही खूबसूरती के साथ अर्थ क्लीयर हो जा रहा है। नीचे की दो लाइन की आवश्यकता ही नहीं इस पोस्ट में। यदि जिंदगी से रिलेटेड जोडना है तो पोस्ट में सो कर दीजिएगा। धन्यवाद रेखा जी जो आपने बुरा नहीं माना और मेरे भाव को समझा हम और आप एक अच्छे दोस्त सकते हैं वर्डप्रेस पर। दोस्ती ही ऐसा रिश्ता है जिसमें कुछ सीख दो तो बुरा नहीं लगता है।
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*दूसरे
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अब अच्छा है। मैं दोबारा आपका ही पोस्ट पढ रही थी।
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बहुत आभार ! आज थोङा व्यस्त थी। इसलिये किसी के comment का जवाब नहीं दे सकी पर आपकी बात/समालोचक अच्छी लगी। इसलिये तुरंत जवाब दिया। 🙂
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फिर से आभार !!! मैं दोनों पंक्तियाँ delete कर दी हैं। सच बात तो यह है कि प्रज्ञ आलोचक-समीक्षक सौभाग्य से हीं मिलते हैं। आपका हमेशा स्वागत है मित्र।
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I look forward to these everyday! It’s like getting a present everyday. I take it over to google translate, excited to see what treasure you have for us today!!
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its so nice of you Grabby. You made me smile . 🙂 🙂
They are just my feeling , expressed in words.
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Sab kuch biktah hai! Aur vo kabhi kabhi mehanga bhi hota hai!
If i am r8!
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sach baat hai. dhanyvaad.
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Bahut sunder bhav.
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Bahut-bahut AAbhar aka Vijay.
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Yahi zindagi k rang hai
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Han , zindagi roj naye rang dikhaati hai aur sabak sikhaati hai .
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Unhi sabak se hum aage bdhte rahte hai. Bs
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Han !!! Isliye ise mai jindagi ke rang kahati hun.
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खुबसूरत पंक्तियाँ।
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Dhanyvaad Savita.
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Amazing lines…
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Thank you !
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