Happy Women’s Day

God, take my soul to that place, where I may speak without words.
~ Rumi

 

My research work was based on ‘educated Indian women’.  I met 400+  women and applied various Psychological tests and questionnaire on them.  

Many of them shared their stories and sorrows with me . It took me to an entire different world. A Hidden World !!!  as our society’s taboos do not allow them to openly  discuss their issues………. 

In the changing social scenario, I feel, still things have not changed much for them. Can we progress by leaving almost,  fifty percent of god’s best creation  behind??

मेरे पी एचङी यानि शोध  के अध्ययन  का विषय ‘भारतीय पढ़ी लिखी महिलाएं’  थीं। इस काम के लिए मैं 400 से ज्यादा महिलाओं से मिली और उनके बहुत से मनोवैज्ञानिक टेस्ट लिये।  मेरी नज़रों के  सामने महिलाओं की दुनिया का एक नया नजारा आया। अक्सर हम ऊपर से दिख रही  दुनिया को ही सच  मानते हैं, पर जब सच्चाई की चादर हटती है तो बहुत से दर्द अौर तकलीफ भरी बातें नजरों के सामने आती है। जिन्हें कहने के लिये मेरे पास शब्द कम पङते हैं।

उन की जिंदगी की कहानियाँ सुनी। जिसे वे समाज के  बंदिशों की वजह से बताने में हिचकिचाती हैं। मेरे इस ब्लॉग के लगभग सारे पोस्ट महिलाअों की सच्ची कहानियां या अनुभव से प्रेरित है। अौर कुछ मेरे अनुभव है मेरी जिंदगी के । आप उस दर्द को कविताअों और कहानियों में महसूस कर सकते हैं।

दुनिया तेजी से बदल रही है, पर मुझे आज भी महिलाअों की स्थिती में ज्यादा बदलाव नज़र नहीं आता है।  मैं  यह कभी नहीं समझ पाती हूँ कि अपनी  लगभग, आधी आबादी को…… ईश्वर की सर्वोत्तम कृति को पीछे छोङ कर कितना आगे जा सकते हैं हम ????

 

वह कौन थी?

जिन्दगी में उलझी-उलझी

सब कुछ सुलझाने की कोशिश में,

बहुत कुछ झेलती हुई

जिन्दगी के सैकङो रंगों से खेलती हुई

खङी

कुछ परेशान, कुछ हताश,

फिर भी हँसती सी।

वह कौन है?

??????

  नारी …

 

 

images courtesy internet.

 

 

 

 

जिंदगी के रंग- कविता 15

News PUNENewsline , Tuesday, MARCH 7, 2017

SSC Exam, Fearing paper leak cases,

 

फिसलते हुए वक्त को रोकना बस में नहीं है

जितना पकड़ो,

रेत की तरह मुट्ठी से रिस जाता है

बस बदलता ही रहता है  यह वक्त,

जिंदगी के  नये नये  परीक्षाअों  के साथ।

कितना भी पूछ लो पंडित नजूमियों से आगे क्या होगा???

कोई जवाब नहीं मिलता,

वक्त अौर जिंदगी में आगे क्या होगा ?

पर यह इंसान भी क्या चीज है,

खुद ही परीक्षा लेता है अौर

अक्सर  परीक्षा के पर्चे, परीक्षा से पहले

चंद सिक्कों के लिये  बेच दिया करता  हैं…………

ख्वाबों ख्यालों ख्वाहिशों भरी जिंदगी -कविता

I have a thousand desires, all desires worth dying for………..

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले…

  MIRZA GHALIB

 

ख्वाबों ख्यालों ख्वाहिशों  से

बहुत आगे आ चुकी है जिंदगी।

गुनगुनाती सुबहें अौर शाम की

बस कुछ खुमारी बची है।

जिंदगी की जिम्मरदारियों ने,

वक्त के साथ क्या-क्या  बदल दिया?

अब तो अपने आप से बातें करने के लिए भी,

वक्त से इजाजत लेनी पड़ती है।

पर अभी भी  नही बदलीं हैं,

तो हसरतें अौर हज़ारों ख्वाहिशें…………..

 

image from internet