गीता , कुरआन , बाइबल – कविता 

एक दिन ऊपर वाले ने कहा –

हर दिन कुछ ना कुछ

नये की कामना हैं तुम्हें.

कभी नया भगवान भी तो

आजमा कर देखो.

बहुत कुछ नया मिल जायेगा.

गीता और रामायण के बाद

आजकल कुरआन और बाइबल

पढ़ने लगी हूँ……

Source: गीता , कुरआन , बाइबल -कविता 

ईश्वर की खोज में 1-कविता In search of GOD-Poem

Where can we go to find God if we cannot see Him in our own hearts and in every living being.

Swami Vivekananda

NEWS,   27/03/2017

1. Tamil Nadu Youth Hacked To Death For Being Atheist,

2. Wanted to attack UP dargah, Imambara and cleric before Ujjain blast, accused tells NIA.

3.22/3 London attack.

And countless other such news…………….

धर्म ना मानो तो मुश्किल,

मेरा धर्म न मानो तो भी मुश्किल,

पता नहीं गीता, रामायण, कुरान, बाइबल..

किसने कहा  भगवान अलग-अलग हैं?

लेकिन  लगता है हम उन्हें अलग करके ही मानेंगे!

क्या हम इस सीमा से आगे यह नहीं सोंच सकते हैं कि

हम इंसान हैं.

image courtesy  internet.

निद्रा मग्न राजकन्या -उर्मिला, कविता; Urmila -The sleeping beauty of Ramayna-poem,

 

   A mythological story  -Lakshman begged Nidra devi, the goddess of sleep,to leave him alone for fourteen years so that he could guard his brother and sister-in-law night and day.  But the law of nature demanded that someone should bear the burden of Lakshman’s share of sleep. “Go to my wife, Urmila, and inform her of the situation,” said Lakshman. Nidra went to Urmila.

एक किवदंती के अनुसार–  लक्ष्मण ने  चौदह साल के बनवास में निद्रा की देवी से वरदान माँगा कि उसे नींद ना आये अौर वह रात-दिन जाग कर  राम-सीता की सुरक्षा कर सके।  ऐसे में लक्ष्मण ने नींद को अपनी पत्नी उर्मिला के पास भेज दिया और अपना सन्देश भी भेजा,  लक्ष्मण के हिस्से की नींद उर्मिला को मिले अौर कहते हैं उर्मिला चौदह साल सोती रही।

मैं निद्रा  मग्न राजकन्या,

जनक नन्दिनी थी, पर नहीं कहलाई जानकी ,

 ना कहा मिथीला की मैथिली

ना विदेह की वैदेही कहलाई.

ना किसी ने उर्मिला-लक्ष्मण कहा सीताराम की तरह।

 राम कहलाये सियावर,  किसी ने लक्ष्मण को भी कहा होता उर्मिला-वर.

इन बातों का मुझे दुःख नहीं।

 पर 

मैंने तो पतिविहिन चौदह वर्ष का वनवास काटा था।

वनवास साथ जाने को  तैयार थी

मुझे क्यों छोङ गये लक्ष्मण?

नींद में नहीं ,ङूबी थी विषाद  में मैं।

किशोर पति चौदह वर्ष बाद आया  पुर्ण पुरुष बन ।

  फिर

दुर्वासा के श्राप से अयोध्या को बचाने,

तुमने ले ली सरयू नदी में जल समाधी

चले गये अनंत यात्रा पथ पर।

पर मेरा क्या?

रह गया कभी ना खत्म होने वाला वैराग्य …………

Image from internet.

गीता , कुरआन , बाइबल -कविता 


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एक दिन ऊपर वाले ने कहा –

हर दिन कुछ  ना कुछ

नये की कामना हैं तुम्हें.

कभी नया भगवान भी तो

आजमा कर देखो.

बहुत कुछ नया मिल जायेगा.

गीता और रामायण के बाद

आजकल कुरआन और बाइबल

पढ़ने लगी हूँ……

 

 

images from internet.