रिश्तों की अहमियत

रिश्तों के अहमियत

रिश्तों के अहमियत

को ना समझाने वाले

हल्की सी चोट से भी

तिलमिला उठतें है।

फिर क्यों दूसरों

पर चोट करते है?

किसी के मौन को

कमजोरी समझ कर?

10 thoughts on “रिश्तों की अहमियत

  1. दूसरे की चुप्पी
    अधिक कहते हैं
    एक हजार शब्दों की तुलना में

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  2. ठीक कहा रेखा जी आपने। दूसरों से वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा हम अपने साथ चाहते हैं लेकिन … लेकिन कितने लोग इस बात को समझते हैं?

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