इम्तहान

ज़िंदगी की किताब

ज़िंदगी के किताब

के पुराने पन्ने

कब तक है पढ़ना?

बीते पलों को

बीत जाने दो।

अतीत को

अतीत में रहने दो।

ज़िंदगी में आगे बढ़ो।

नए पन्नों पर कुछ

नया अफ़साना लिखो।

3 thoughts on “इम्तहान

  1. एक अधिनियम
    ई आल्सो
    एक के साथ
    नाम बदलना
    उलटा नहीं जा सकता

    हमने जो कुछ किया
    रहेंगे
    लिखा हुआ
    बुझाना नहीं
    यादाश्त
    वो आत्मा

    हम प्रकृति माँ से हैं
    हम प्रकृति हैं
    सब कुछ जीने की तरह
    मानव जीव

    हमें भारी के साथ रहना होगा

    *

    ek adhiniyam
    ee aalso
    ek ke saath
    naam badalana
    ulata nahin ja sakata

    hamane jo kuchh kiya
    rahenge
    likha hua
    bujhaana nahin
    yaadaasht
    vo aatma

    ham prakrti maan se hain
    ham prakrti hain
    sab kuchh jeene kee tarah
    maanav jeev

    hamen bhaaree ke saath rahana hoga

    Liked by 1 person

Leave a comment