अर्श….आसमान में चमकते आफ़ताब की तपिश और
महताब की मोम सी चाँदनी
ज़हन को जज़्बाती बना देते हैं.
सूरज और चाँद की
एक दूसरे को पाने की यह जद्दोजहद,
कभी मिलन नहीं होगा,
यह जान कर भी एक दूसरे को पाने का
ख़्याल इनके रूह से जाती क्यों नहीं?
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अर्थ –
अर्श-आसमान।
आफ़ताब- सूरज।
महताब- चाँद।
ज़हन – दिमाग़।
THANK YOU.
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Pyari kavita aur shabdon ka arth dekr aapne gyan vardhan bhi kiya 👍
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तुम्हारा आभार! मैं भी नए नए शब्दों को सीखती रहती हूँ. 😊
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जहन में यादे
उन यादों में ख्याल
ख्यालो में दिखे सदा
दिखती नज़रे दो यहां।।
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आभार काव्यात्मक प्रशंसा के लिए.
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