“हिन्दी दिवस” – 14 सितंबर के शुभ अवसर पर सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
Happy Hindi Divas (Day) ! It is celebrated on 14 September
यह गर्व की बात हैं कि हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है. इसकी विशेषताएं हैं –
1. जो लिखते हैं ,वही पढ़ते हैं और वही बोलते हैं.
2. उच्चारण सही हो, तब सुन कर लिख सकते हैं.
3. वाक्य सम्बोधन बड़े या छोटे के लिये अलग अलग होते हैं. जैसे आप ,तुम.
4. वाक्य शुरू करनेवाले विशेष अक्षर ( capital ) नहीँ होते.
वैज्ञानिक कारण –
अक्षरों का वर्गीकरण, बोली और उच्चारण के अनुसार हैं. “क” वर्ग कंठव्य कहे जाता हैं , क्योंकि इसका कंठ या गले से हम उच्चारण करते हैं.बोलने के समय जीभ गले के ऊपरी भाग को छूता हैं. बोल कर इसे समझा जा सकता हैं.
क, ख, ग, घ, ङ.
इसी तरह “च ” वर्ग के सब अक्षर तालव्य कहलाते हैं.इन्हें बोलने के समय जीभ तालू को छूती है ।
च, छ, ज, झ,ञ
“ट” वर्ग मूर्धन्य कहलाते हैं. इनके उच्चारण के समय जीभ मूर्धा से लगती है ।
ट, ठ, ड, ढ ,ण
“त ” समूह के अक्षर दंतीय कहे जाते हैं. इन्हें बोलने के समय जीभ दांतों को छूता हैं.
त, थ, द, ध, न
“प ” वर्ग ओष्ठ्य कहे गए, इनके उच्चारण में दोनों ओठ आपस में मिलते है।
प , फ , ब ,भ , म.
इसी तरह दंत ” स “, तालव्य “श ” और मूर्धन्य “ष” भी बोले और लिखे जाते हैं.
Knock, And He’ll open the door Vanish, And He’ll make you shine like the sun Fall, And He’ll raise you to the heavens Become nothing, And He’ll turn you into everything.