ज़िंदगी बुनती रहती है सपने !!

ज़िंदगी बुनती रहती है सपने

धागे के ताने-बाने से,

 रेशम सी बनाती ।

तभी,जब सुहानी बयार 

रुख बदल आँधी बन जाती है.

रेशम के ताने बाने तार-तार कर जाती है।

यादें हलकी हो भी जायें।

दर्द कहाँ कम होता है?

 

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