एक कप चाय!!

कभी,

चाय पीने की आदत नहीं थी हमारी.

मालूम हीं नहीं चला

कब चाय आदत में शुमार हो गई.

और चाय का मतलब तुम हो गये.

28 thoughts on “एक कप चाय!!

  1. मेरी प्रिय
    तुमको भी चाय भाती ??
    ओफ़
    अब जब भी बनाना चाय
    एक कप एक्स्ट्रा
    हमारे लिए भी बनाती
    क्यो ??

    😂😂☺🌼 गुड़ one दोस्त ❤💮

    Last line is flawless

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    1. अक्सर मैं ज़्यादा चाय हीं हूँ बनाती, किसी पीने वाले के आने के आस में. जब घड़ियाँ बीत जातीं हैं इंतज़ार की. तब पी लेतीं हूँ उसके नाम से…..
      😊धन्यवाद दोस्त !💐

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      1. 😍😍😍❤

        सज्ज है जो प्रेम से
        वे कितने गऊ सरल हैं ❤🙏

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    2. भाई चाय पीने की आदत नहीं थी,
      आदतों में तुम भी सुमार हो गए,
      आज भी बन जाते दो कप अनायास,
      मगर तेरे वो राह खो गए|

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      1. इतनी सी बात

        इक घूट अपनी चाय
        तो इक मेरी पी कर , देखो
        चाय के प्याले दो है
        उर में प्रेम समांतर , समझो

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      2. किन्तु दिमाग बडा आया खड़ूस

        दिल से ही अंतिम फैसले मांगता

        क्योंकि ,दिल के पास तो वीटो पॉवर है ना 😁

        घर में अर्धांगिनी की चलती मर्द खाली सब्ज़ी लाता ❤❤❤🌼🌼🌼

        प्रणाम आप दोनों को❤🙏🇮🇳 मैं बड़ी बड़ी बातें कर रहा…. पर मज़्ज़ा आ रिया , कसम चाइना की 😂😂

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      3. मुझे चाय पसंद है

        और चाय बनाती तुम

        यूँ तो चाय के लिए की गयी प्रतीक्षा

        और हमारा चाय साथ में पीते हुए वो क्षण

        मेरे जीवन के सबसे हसीन पलों में एक है

        और यह भी जान लो प्रिय

        चाय खत्म होना मुझे सबसे अप्रिय लगता है

        चूँकि चाय की प्याली और पतीला मुझे ही धुलना पड़ता है

        शादी से पहले हमने यही डील शाइन की थी

        खाना बनोओगी तुम और बर्तन हम माजेंगी🙈🙈🙈😂😂😂😂

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