सदायें

19 thoughts on “सदायें

  1. ना आवाजें धीमी ना शोर ज्यादा,
    ऐसा नहीं की आवाजें नहीं पहुंचती,
    ऐसा कह खुद को भरमाना ठीक नहीं,
    अब तो कह दो,
    जो बिन बोले ना सुन ले
    वो मेरा मीत नहीं|

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  2. दिल को छू लेने वाली बात है यह रेखा जी । पुरानी फ़िल्म ‘देवदास’ में लता जी का गाया हुआ अमर गीत है :

    जिसे तू कबूल कर ले, वो सदा कहाँ से लाऊँ
    तेरे दिल को जो लुभाए, वो अदा कहाँ से लाऊँ

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    1. आपका आभार जितेंद्र जी. बहुत ख़ूबसूरत गीत है.
      शायद कुछ सदायें इसी दुनिया में गूँज कर रह जातीं हैं.

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