ज़िंदगी के रंग – 157

एक सच्ची बात यह है कि ,

जिंदगी के उलझनों …..संघर्षों….

का सामना करनेवाले हम अकेले नहीं .

अनेकों है हमारे जैसे .

जीवन की चुनौतियों से

लड़ते झगड़ते

जुझते अौर उबरते.

इनसे हारना अौर ङरना कैसा?

17 thoughts on “ज़िंदगी के रंग – 157

    1. ज़िंदगी संघर्ष का दूसरा नाम है. बस उससे सीखते रहना चाहिए . धन्यवाद आशीष .

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