बंजारे

परछाईंयाँ ……..यादें …….

पीछा करती रहतीं हैं,

आँखों में आँसू

भरती रहतीं हैं.

बचने के लिए जिप्सियों…..

बंजारो…की तरह ना भटको.

आँखें बंद करके

पी जाओ ग़मों को .

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