जिंदगी के रंग -कविता 9


Indian Bloggers

Female weeper / weeping woman / professional mourners  –  In some part of    Rajasthan, India,  women (of a specific  caste ) are hired as professional mourners . They   are know as  “rudaali” /female weeper/ weeping woman  . Their job is to publicly express grief for family members who are not permitted to display emotion due to social status.

कुछ लोग हँस  कर ,

और कुछ हँसा कर

कमाते हैं.

कुछ लोग रो कर (रुदाली )

और कुछ लोगों को रुला कर.

रुलाने वाले क्या जवाब देंगे ?

   जब

ऊपर वाला उनसे पूछेगा –

उन्होंने क्या कमाया  ?

राजस्थान में कुछ  स्थानों पर  ऐसी प्रथा हैं. जिसमें सम्पन्न परिवारों में रो कर मातम मानने  के लिये रुदाली ( जाति  विशेष की महिलायें ) बुलायी जाती हैं.

rudaali

 

 

 

Images from Internet.

Depression CBT self help Guide

 

1.Depression CBT Self-Help Guide Managing of depression involves understanding depression and and the factors that lead to the symptoms. Learning to manage life stress and practicing self care behavior improves the symptoms and mood. The App contains depression severity test,audios,cognitive diary, articles and point system that will help you in overcoming depression. 2.Free Your Mind […]

via Top 5 Apps for Depression  — Apps Reviewed

हिन्दी – एक वैज्ञानिक भाषा Hindi -A scientific language.

This post is dedicated to my blogger  buddies , who wants to learn  and write in Hindi.

यह गर्व की बात हैं कि  हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है. इसकी विशेषताएं हैं –

1. जो लिखते हैं ,वही पढ़ते हैं और वही बोलते हैं.

2.  उच्चारण सही हो, तब सुन कर लिख सकते हैं.

3. वाक्य सम्बोधन  बड़े या छोटे के लिये अलग अलग होते हैं. जैसे आप ,तुम.

4. वाक्य शुरू करनेवाले  विशेष अक्षर ( capital ) नहीँ     होते.

  वैज्ञानिक कारण –

 अक्षरों का वर्गीकरण, बोली  और उच्चारण के अनुसार हैं. “क” वर्ग  कंठव्य कहे जाता हैं , क्योंकि इसका कंठ या गले से हम उच्चारण करते हैं.बोलने के समय जीभ गले के ऊपरी भाग को छूता हैं. बोल कर इसे  समझा जा सकता हैं.

क, ख, ग, घ, ङ.

इसी तरह “च ” वर्ग के सब अक्षर तालव्य कहलाते हैं.इन्हें बोलने के  समय जीभ तालू  को छूती है ।

च, छ, ज, झ,ञ

    “ट”  वर्ग मूर्धन्य कहलाते हैं. इनके  उच्चारण के समय जीभ  मूर्धा से लगती  है ।

ट, ठ, ड, ढ ,ण

त ” समूह के अक्षर दंतीय कहे जाते हैं. इन्हें बोलने के  समय जीभ दांतों को छूता हैं.

त, थ, द, ध, न

“प ” वर्ग ओष्ठ्य कहे गए, इनके  उच्चारण में दोनों ओठ आपस में मिलते  है।

प , फ , ब ,भ , म.

इसी तरह दंत ” स “, तालव्य  “श ” और मूर्धन्य “ष” भी बोले और लिखे जाते हैं.

इंद्रधनुष -कविता Rainbow -poem


Indian Bloggers

 

There is nothing in this world that is not a gift from you  ~  Rumi.

 

ज़िंदगी के सात रंगों को भूल,

       हम जीवन को ढूँढ रहे हैं

          काले-सफ़ेद रंगों के धुआँ अौर  धुंध में।

                   भाग रहें हैं,  अनजानी राहों पर ,

                       दुनिया के मायावी  मृगतृष्णा के पीछे।

                            आंगन की खिली धूप, खिलते फूल,

                                  बच्चों की किलकारी, 

                                   ऊपरवाले की हर रचना है न्यारी।

                                       अगर कुछ ना कर सको ,

                                        तो थमा दो ऊपर वाले को अपनी ङोर।

                                           खुबसूरत सतरंगी  इंद्रधनुषी  लगेगी,

                                                 ज़िंदगी हर अोर। 

 

 

image from internet.

विश्वकर्मा पूजा Vishwakarma Day

 Vishwakarma Jayanti / Puja is a day of celebration for  Hindu god, Vishwakarma .He is considered divine architect, Creator of fabulous weapons for the Gods and is credited with Sthapatya Veda, the science of mechanics and architecture.

हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विश्वकर्मा निर्माण एवं सृजन के देवता कहे जाते हैं। माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही इन्द्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्ग लोक, लंका आदि का निर्माण किया था। इस दिन विशेष रुप से औजार, मशीन तथा सभी औद्योगिक कंपनियों, दुकानों आदि पूजा करने का विधान है।

जहाँ खारा पानी बिकता है # mumbaislum ( कविता )

वह भी रहती हैं वहाँ

जहां खारा पानी बिकता है।

दरिद्र, पति परित्यक्ता,

दस बच्चों के साथ,

दशकों पुरानी अपनी

बावड़ी का जल  बाँट कर

कहती है –“ पानी बेच कर क्या जीना?

क्या पूजा सिर्फ मंदिरों और मस्जिदों में ही होती है ?

यह इबादत का  उच्चतम सोपान नहीं है क्या?

 (मुंबई, मानखुर्द बस्ती में जहाँ गर्मी में लोग पानी खरीद रहे हैं। वहाँ ज़रीना अपनी पुरानी बाबड़ी का द्वार सभी के लिए खोल रखा है। ) news from daily – HINDU, pg – 2 dated may 12 2016.

 

मैं एक लड़की ( कविता 1 )

 

इस दुनिया मॆं मैने
आँखें खोली.
यह दुनिया तो
बड़ी हसीन
और रंगीन है.

मेरे लबों पर
मुस्कान छा गई.
तभी मेरी माँ ने मुझे
पहली बार देखा.
वितृष्णा से मुँह मोड़ लिया

और बोली -लड़की ?
तभी एक और आवाज़ आई
लड़की ? वो भी सांवली ?

जिंदगी के रंग ( कविता) 8

life

जिंदगी ने ना जाने कितने रंग बदले।

रेगिस्तान  के रेत की तरह

कितने निशां बने अौर मिटे

हर बदलते रंग को देख ,

दिल में तकलिफ हुई।

काश,  जिंदगी इतनी करवटें  ना ले।

पर , फिर समझ आया ।

यही तो है जिंदगी।

 

मोक्ष  -कविता 


Indian Bloggers

नचिकेत और यम का संवाद

Kathy Upanishad   was written by achary  Kath. It is legendary story of a little boy, Nachiketa who meets Yama (the Indian deity of death). Their conversation evolves to a discussion of the nature of mankind, knowledge, Soul, Self and liberation.

आचार्य कठ ने  उपनिषद रचना की।  जो कठोपनिषद  कहलाया।  इस में  नचिकेत और यम के बीच  संवाद का  वर्णन है । यह मृत्यु रहस्य और आत्मज्ञान की चर्चा है।

 

 

विश्वजीत  यज्ञ किया  वाजश्रवा ने ,

सर्वस्व दान के संकल्प के साथ।

पर कृप्णता से दान देने लगे वृद्ध गौ।

पुत्र नचिकेत ने पिता को स्मरण कराया,

प्रिय वस्तु दान का नियम।

क्रोधित पिता ने पुत्र  नचिकेत से कहा-

“जा, तुझे करता हूँ, यम को दान।”

नचिकेत  स्वंय  गया यम  के द्वार ।

तीन दिवस  भूखे-प्यासे नचिकेत के

प्रतिबद्धता से प्रसन्न यम ने दिया  उसे तीन वर ।

पहला वर  मांगा -पिता स्नेह, दूसरा -अग्नि विद्या,

तीसरा – मृत्यु रहस्य और आत्मा का  महाज्ञान।              

और जाना आत्मा -परमात्मा , मोक्ष का गुढ़ रहस्य.

यज्ञ किया पिता ने अौर महाज्ञानी बन गया पुत्र ।

 

रौशन जहाँ -कविता 

golden

माँ के गर्भ में अजन्मा शिशु अपने 

को सुरक्षित समझ ,बाहर आने पर 

रोता हैं.

इस दुनिया को अपना घर मान 

इंसान भी , इसे छोड़ने के 

डर से रोता हैं.

क्यों यह नहीँ सोचता ?

आगे रौशन  और भी “जहाँ ” हैं.

 

 

 

images from internet.