Narrative transportation theory proposes the mental state, when people lose themselves in a story. Story receivers transported through two main components: empathy and mental imagery.
मेरा ब्लॉग नरेटिवे ट्रांसपोटेशन ” या “परिवहन कल्पना मॉडल”के नाम से है।नाम कुछ अलग सा है। इसलिए मैं इस बारे में कुछ बातें करना चाहूंगी।
कभी-कभी हम किसी रचना को पढ़ कर उसमें डूब जाते हैं। उसमें खो जाते हैं। उस में कुछ अपना सा लगने लगता है।
ऐसी कहानी या गाथा जो आप को अपने साथ बहा ले जाये। इसे “कथा परिवहन अनुभव” या “नरेटिवे ट्रांसपोटेशन कहते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक मनः स्थिति होती है।
मैं चाहती हूँ कि मेरे रचनाओं को पढ़ने वाले पाठक भी ऐसा महसूस करें। इसमें हीं मेरे लेखनी की सार्थकता है। शब्दों का ऐसा मायाजाल बुनना बहुत कठिन काम है। फिर भी मैं प्रयास करती रहती हूँ। अगर मेरा यह प्रयास थोड़ा भी पसंद आए। तब बताएं जरूर। यह मेरा हौसला बढ़ाएगा।
Source: मेरा ब्लॉग -“नरेटिवे ट्रांसपोट ” या “परिवहन कल्पना मॉडल” ( मेरे ब्लॉग के नाम के विषय में )
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