
नारी जब तक अबला हो, दुनिया के बनाये नियमों को
बिना प्रश्न किये मानती जाये,
अच्छी लगती है, भोली लगती है।
सीता अौर सावित्री लगती है।
अगर भूल से भी प्रश्न करे, या ना माने
तब कहते हैं- चरित्रहीन, पागल अौर ना जाने क्या-क्या।
सही कहा है, ये बातें अौर हथियार पुराने हो गये।
नई बात तो तब होगी, जब उसे सम्मान अौर बराबरी मिले,
ईश्वर की सर्वोत्म सुंदरतम रचना को ,
आधी आबादी को पीछे छोङ कितना आगे जायेगें हम?
images from internet.
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