मौसम के साथ उङते प्रवासी परिंदे- कविता Migratory birds – Poem

Research reveals that global warming is compelling birds into early migration. Migrating birds are arriving at their breeding grounds earlier as global temperatures rise.

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मौसम के साथ उङते रंग- बिरंगे परिंदे,
कुदरत के जादुई रंगों के साथ,

जहाँ का मौसम माकूल – माफिक हो 

वहीं चल देते हैं। 

हमारी तरह बंधनों से बंधे नहीं हैं। 

ये बंधनों से ऊपर, घुमक्कड़  बंजारों से।

थके,-हारे, हजारों मीलों से उङ कर आते हैं।

हम आशियाना  अौर समाज के बंधन से बंधे लोग

इन की प्राकृतिक जीवन को समझे बिना।

नैसर्गिक सृष्टि के नियम से छेङ-छाङ कर,

इन्हें तकलीफ पहुँचाते हैं। 

शब्दार्थ- Word meaning

घुमक्कड़, बंजारा – gypsy

माकूल,  माफिक – suitable

कुदरत,सृष्टि – nature,

सृष्टि – Creation

नैसर्गिक – Natural

प्रवासी – Migratory

Image from internet.

Images courtesy  Chandni Sahay.

विज्ञान की नई खोज- किमेरा भ्रूण(chimera embryos -growing spare human organs in other animals)

Scientists Create First Human-Pig Chimeric Embryos  – Researchers may one day overcome the problem of organ shortages for transplantation by growing spare human organs in other animals. A group led by scientists at the Salk Institute for Biological Studies has taken the first big step toward making this a reality  (on January 26 , 2017 ) in Cell, they report having grown the first human-pig chimeric embryos.

हर साल दुनिया में हजारों लोगों की मृत्यु मानव अंगों की कमी की वजह से होती हैं। लगभग हर दस मिनट में  एक न एक व्यक्ति  अंग प्रत्यारोपण के लिए  प्रतीक्षा सूची में जोड़ा जाता है और हर दिन, उस सूची में 22 लोगों को अंग की जरूरत पूरी नहीं होने से  मर जाते हैं।

कैलिफोर्निया में सॉल्‍क इंस्‍टीट्यूट फोर बायलॉजिकल स्‍टडीज, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने  सुअरों के अंदर इंसानी अंग उगाने के प्रयोग कि‍या हैं । 26 जनवरी, २०१७ को   वैज्ञानिकों ने एक उल्लेखनीय घोषणा की ।  वे पहली बार सफल मानव पशु संकर बनाने में सफल हुए हैं। पहला मानव-सुअर संकर भ्रूण प्रयोगशाला में बनाया गया है।  अभी प्रयोग शुरुआती दौर में है। पर वैज्ञानिकों  विश्वास है कि एक दिन प्रयोगशाला में मानव अंग  विकसित  अौर प्रत्यारोपित किये जा सकगें।

इस प्रक्रिया के तहत मरीज के ही शरीर की मूल कोशिकाओं को सूअर  के शरीर में विकसित किया जा सकेगा। एक बार अंगों के विकसित हो जाने पर उसे मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट  किया जा सकता है। ये अंग मरीज की अपनी कोशिकाओं से विकसित होने केी वजह से शरीर द्वारा स्वीकार किए जाने की ज्यादा संभावना रहेगी ।

 

 

 

 

 

Image from internet.

 

 

Psychology #understandyourbehavior /मनोविज्ञान #अपने व्यवहार को समझने का विज्ञान

 

 

मनोविज्ञान – क्या यह मन का विज्ञान है?  इसके नाम से लगता हे, जैसे यह मन का विज्ञान है।  यह अनुभव अौर व्यवहार का विज्ञान है। यह एक एेसा विषय है जो हमारे व्यवहार को समझने में मदद करता है। यह हमारी मानसिक प्रक्रियाओं, अनुभवों अौर  व्यवहार का अध्ययन करता है। हम कब, क्या , क्यों, अौर कैसे य्यवहार करते हैं। इसे समझने का  विज्ञान है।

आज के समय में मनोविज्ञान बङा महत्वपुर्ण  हो गया है। यह  विज्ञापन, व्यावसाय, लोगों के  प्रतिक्रियाओं, जनमत या बाजार का रुझान,  खेल अौर खिलाङियों , अपराध का व्यवहार सब कुछ समझने के काम आता है।

क्यों नहीं अपने व्यवहार को समझा जाये?– विचार, चिन्तन, भाव ,आसपास के वातावरण अौर घटनाअों का असर हम पर पङता है। हमारा व्यक्तित्व , बौद्भिकता, संवेदन, सीखना, स्मृति, चिन्तन  हमारे व्यवहार पर असर ङालतें हैं। दरअसल,  हमारे व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाएं आपस में जुटे होते  हैं। अतः अपने  व्यक्तित्व  को समझना जरुरी है।  ताकि अपने व्यवहार को समझा जा सके।

 

 

 

 

प्रकाश प्रदूषण- नविनतम खोज

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अधिक कृत्रिम रोशनी प्रकाश प्रदूषण पैदा करता है। नविनतम खोज प्रकाश प्रदूषण गणना प्रस्तुत करते हैं। दुनिया के 80% से अधिक है और अमेरिका और यूरोपीय आबादी के 99% से अधिक लोग प्रकाश प्रदूषित माहौल में रहते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्यता आज अपने ही बनाए प्रकाश की चादर में ढंक गई है। जो कोहरे की चादर जैसी हमारे चारों ओर छा गइ है। यह हमारी दृष्टि के लिए बाधा है।

विकसित माने जाने देशों में प्रकाश प्रदूषण सबसे ज़्यादा है. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के देशों में 99 प्रतिशत लोगों के लिए आकाशगंगा अदृश्य हो चुकी है।

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