शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् ।।
śarīramādyaṃ khalu dharmasādhanam
शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है। अर्थात शरीर को सेहतमंद बनाए रखना जरूरी है। इसी के होने से सभी का होना है अत: शरीर की रक्षा और उसे निरोगी रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। पहला सुख निरोगी काया।
Body is instrument for all (good) deeds.
So its our most important duty to protect it
and keep it healthy.
~उपनिषद