
ज़िंदगी के महाभारत में
कई चेहरे आए गए।
देखी कितनों की फ़ितरतें
नक़ाबों में छिपी।
जीवन जयकाव्य में
सारथी बन मिलते रहे
कई कृष्ण से।
हम दुआओं में
याद रखते हैं
उन्हें संजीदगी से।

ज़िंदगी के महाभारत में
कई चेहरे आए गए।
देखी कितनों की फ़ितरतें
नक़ाबों में छिपी।
जीवन जयकाव्य में
सारथी बन मिलते रहे
कई कृष्ण से।
हम दुआओं में
याद रखते हैं
उन्हें संजीदगी से।

अभी का पल,
अगले पल मृत हो,
यादें बन जाता है।
इसलिए मनपसंद तरीक़े से,
मनपसंद लोगों के साथ
पल-समय बिताओ।
ताकि हर पल
मीठी और सुनहरी
यादों का ख़ज़ाना
बन जाए।
दिलो-दिमाग में ख़्याल आया।
हर पल में हम ज़िंदगी जीते हैं।
अौर अगले पल वह पल मर जाता है,
बीता हुआ पल बन कर।
फिर, दिलो-दिमाग अौ ज़ेहन में ख़्याल आया,
हर पल ज़िंदगी आगे बढ़ती जा रही है।
अौर हर पल उम्र घटती जा रही है
पर लालसा अौर लालच बढ़ती जाती है पल-पल।
मुझे हीं या
औरों को भी यह ख़्याल आता है?
ज़ेहन-मस्तिष्क/दिमाग
लोगों के चेहरे देखते देखते ज़िंदगी कट गई।
चेहरे पहचानना अभी तक नहीं आया।
मेरी बातें सुन आईना हँसा और बोला –
मैं तो युगों-युगों से यही करता आ रहा हूँ।
पर मेरा भी यही हाल है।
मनचाहा दिखने के लिए,
लोग रोज़ नये-नये चेहरे बदलते रहते हैं।
सौ चेहरे गढ़,
कभी मुखौटे लगा, रिश्वत देते रहते हैं।
पल-पल रंग बदलते रहते हैं।
चेहरे में चेहरा ढूँढने और पहचानने की कोशिश छोड़ो।
अपने दिल की सुनो,
दूसरों को नहीं अपने आप को देखो।
जीवन है इसलिए परेशनियाँ हैं.
जीवन का अर्थ है सीखना अौर आगे बढ़ना ।
हम सजीव हैं, इसलिए चुनौतियाँ हैं.
बदलते रहते जीवन की चुनौती है हर पल में हौसला बनाये रखना।
हम हैं, क्योंकि अपनों ने हमें ऐसा बनाया.
अतः जीवन सार है अौरों की मदद करना।
दुःख है, इसलिए ख़ुशियों का मोल है.
जीवन का रहस्य है खुश रहना।
प्यार है इसलिए जीवन का अस्तित्व है.
अतः जीवन का सौंदर्य प्रेम है।
रूमी की पंक्तियों आपको क्या कहतीं हैं? ज़रूर बतायें. आप सबों के विचार मेरे लिए बेहद मायने रखते हैं.
रूमी को मैंने कुछ साल पहले मायूसी के पलों में, गहराई से पढ़ना शुरू किया था. अब गीता, कबीर, रूमी, नानक और ढेरों संतों की बातों और विचारों में समानता पाया. इनकी पंक्तियाँ मुझे गहरा सुकून देतीं हैं.
जीवन के बाद के जीवन, को जानने की लालसा इतनी प्रबल है कि ,
मन व आत्मा को हमेशा खींचता है अपनी ओर.
जीवन के अंत से ङरे बिना।
उसमें अब एक लालसा और जुड़ गई है – किसी से मुलाक़ात की.
मिलेंगे फिर वहाँ, जहाँ एक और जहाँ… दुनिया हैं.
भीड़ और परखने वाली नज़रों से दूर…. सही ग़लत से दूर .
What did Rumi mean when he said:
Out beyond ideas of wrongdoing
and rightdoing there is a field.
I’ll meet you there.
When the soul lies down in that grass
the world is too full to talk about.

Rumi ❤️
हमने खुद जल कर उजाला किया.
अमावास्या की अँधेरी रातों में,
बयार से लङ-झगङ कर…
तुम्हारी ख़ुशियों के लिए सोने सी सुनहरी रोशनी से जगमगाते रहे.
और आज उसी माटी में पड़े हैं…..
उसमें शामिल होने के लिए
जहाँ से जन्म लिया था.
यह थी हमारी एक रात की ज़िंदगी.
क्या तुम अपने को जला कर ख़ुशियाँ बिखेर सकते हो?
कुछ पलों में हीं जिंदगी जी सकते हो?
सीखना है तो यह सीखो।
Image courtesy- Aneesh
क्यों आज चुप है चाँद ?
ना जाने कितनी बातों का गवाह
कितने रातों का राज़दार
फ़लक से पल पल का हिसाब रखता,
कभी मुँडेर पर ,
कभी किसी शाख़-ए-गुल को चूमता,
गुलमोहर पर बिखरा कर अपनी चाँदनी अक्सर
थका हुआ मेरी बाहों में सो जाता था.
किस दर्द से बेसबब
चुप है चाँद ?

पल पल बदलता यह मन
ना जाने क्या ढूँढता रहता है .
शायद यह खींचता है कुछ
अौर ख़ुद खींच जाता है किसी ओर।
चुम्बक की तरह लगता है ….
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