जब हौसला अफजाई कम
और व्यंग बाण ज़्यादा हो जायें,
मायने बुलंदियाँ क़रीब हैं।
लोगों की निगाहे उठने लगें,
पैर नीचे खिंचने वाले बढ़ जायें,
मायने आसमाँ क़रीब है।
जब दोस्तों से दुश्मन ज़्यादा हो जायें।
लोगों की निगाहों में चढ़ने लगो।
मायने फ़लक के सितारे क़रीब हैं।
बस सब्र रखो, क्योंकि हर किसी के,
कर्म का नतीजा ज़रूर सामने आता है।