25 thoughts on “Stay happy, healthy and safe- 187

  1. (आपको अपने दिल को तब तक तोड़ते रहना है जब तक वह खुल न जाए।)
    Maine google translate kiya hai, kya yah sahi hai?

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      1. हमेशा टूटने का मतलब ख़त्म नहीं होता. कभी कभी टूटने से शुरुआत भी हो सकती है. जैसे पंछियों के अण्डों के टूटने से चूज़े निकलते है.

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      2. तुलसीदास काशी में वेद-वेदांग अध्ययन के लिए हुए. अचानक पत्नी प्रेम वे व्याकुल होने लगे। अतः गुरूजी से आज्ञा लेकर वे अपनी जन्मभूमि राजापुर लौट आये। पत्नी रत्नावली चूँकि मायके में ही थी क्योंकि तब तक उनका गौना नहीं हुआ था अत: तुलसीराम ने भयंकर अँधेरी रात में उफनती यमुना नदी तैरकर पार की, साँप को रस्सी समझ पकड़ कर ऊपर चढ़े और सीधे अपनी पत्नी के शयन-कक्ष में जा पहुँचे। रत्नावली इतनी रात गये अपने पति को अकेले आया देख कर आश्चर्यचकित हो गयी। उसने लोक-लाज के भय से जब उन्हें चुपचाप वापस जाने को कहा तो वे उससे उसी समय घर चलने का आग्रह करने लगे। उनकी इस अप्रत्याशित जिद से खीझकर रत्नावली ने स्वरचित एक दोहे कहा –
        अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति !
        नेकु जो होती राम से, तो काहे भव-भीत ?

        इस आघात से उनके जीवन में बदलाव आया और वे राम प्रेम में डूब गए.

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