
मातृत्व के मर्मांतक और
असहनीय कष्ट को
रात्रि के नीरवता में
अकेले सहना क्या सरल है?
उस माँ के साहस और
हौसले को सलाम है।
क्या हम पाषाण युग में रहते हैं?
या लोगों के दिल पाषाण …
पत्थर …. के हो चुके हैं?

मातृत्व के मर्मांतक और
असहनीय कष्ट को
रात्रि के नीरवता में
अकेले सहना क्या सरल है?
उस माँ के साहस और
हौसले को सलाम है।
क्या हम पाषाण युग में रहते हैं?
या लोगों के दिल पाषाण …
पत्थर …. के हो चुके हैं?
Dressing for Success
1970-80 में पावर ड्रेसिंग की शुरुआत अमेरिका में हुई। जॉन टी मोलॉय ने कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड का सुझाव दिया। जिससे उन्हें भी पुरुषों के बराबर प्रभाव, हक और सम्मान मिल सके। यहाँ से पावर ड्रेसिंग के विचार की शुरुआत हुई।
जो आज बहुत जरुरी मानी जाती है। आज पावर ड्रेसिंग एक अनूठी, नई शैली के रुप में पुरुष अौर महिलाअों दोनों के लिये समान महत्व ले कर उभरकर सामने आयी है। क्योंकि इससे आत्मविश्वास,करियर,बॉडीलैंग्वेज,आकर्षण प्रभावित होते हैं।
बिना शब्दों के, बिना बोले अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने के लिए सही कपड़े, ब्लेज़र, पहनावा, जूते और साज सज्जा आज पावर ड्रेसिंग का जरुरी हिस्सा बन चुका है। यह कार्यस्थल और अन्य जगहों पर आप के प्रभाव को बढ़ाता है और सकारात्मक असर ङालता है।
इंसान की फ़ितरत होती है ,
मधुर यादों और
सुहानी कल्पनाओं में जीने की.
अपने अतीत की यादों
और भविष्य की संभावनाओं में
अपने को सीमित न करें .
