Day: June 29, 2019
Be speechless and listen!
अतीत बनते हमने देखा है…
वक़्त गुजराता है बे आवाज़
लाख रोक लो घड़ी के काँटे
अंगुलियों से अपने …..
वक़्त की मौज़ों का फिसलना
रवायत है क़ुदरत की .
ज़िंदगी जी लो इस घड़ी में वरना ये पल
हाथ से फिसल कर अतीत बनते हमने देखा है.