
नजरिया है ज़िंदगी को देखने का.
क्या हमें चीज़ों से शिकायत है ?
या हम ख़ुशियाँ ढूंढना जानते हैं?
गुलाब में काँटे हैं ?
या काँटों में गुलाब ?


नजरिया है ज़िंदगी को देखने का.
क्या हमें चीज़ों से शिकायत है ?
या हम ख़ुशियाँ ढूंढना जानते हैं?
गुलाब में काँटे हैं ?
या काँटों में गुलाब ?

Behtareen
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शुक्रिया Nimish .
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Gulab aur kante dono ek chij se bane hain mitti aur pani aur thoda sa suraj! Par use alag alag bnaya h paudhe ke reaction ne …Sundar aur bhavpurn !
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बिलकुल सही,है और हमारे देखने का भी नज़रिया है कि हम पहले कांटे को देखते हैं या पहले हमने gulaab की ख़ूबसूरती दिखती है. शुक्रिया शुक्रिया
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Bilkul!
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😊
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