Transform your life

Decide on something

that you can do

and that you will do.

This is how to

transform your life –

by taking small steps.

🌈Sadguru

जिंदगी के रंग -118

दूसरे को तोङने की कोशिश में जिंदगी निकल जायेगी।

कभी जोङने की कोशिश भी करनी चाहिये।

वरना ऊपर वाला भी अगर जोङ-तोङ पर आ गया तब क्या होगा?

कुछ समंदर का भंवर देखना था…

Reblogged, Posted by Neeraj Kumar at 9:44 AM Monday, January 28, 2019

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कुछ समंदर का भंवर देखना था,
कुछ मुक़द्दर का असर देखना था I

कुछ तूफान का क़हर देखना था,
कुछ अपमान का ज़हर देखना था I

कुछ प्रस्तर में अंकुर देखना था,
कुछ जलधर का शरर देखना था I

कुछ सपनों में अग्यार देखना था,
कुछ अपनो में अहंकार देखना था I
###

शरर : चिंगारी
अग्यार : अजनबी
जलधर : बादलप्रस्तर : पत्थर

 

 

रूहानियत

स्पर्श मणि, Philosopher’s Stone, परुसवेदी या पारस पत्थर एक पहेली, एक रहस्य है। पारस पत्थर के बारे में यह मान्यता है कि इस पत्थर से स्पर्श कर लोहा सोना बन जाता है। यह काले रंग का सुगन्धित, दुर्लभ व बहुमूल्य पाषाण है।

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जैसे छू  गया पारस लोहे को,

सोना बना गया।

चाहत है,  वैसे हीं रूहानियत-आध्यात्मिक  पारस

छू जाए दिल को

स्वर्ण बना जाए.

The power of love

On Mahatma Gandhi 71st death anniversary

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The day the power of love

overrules the love of power,

the world will know peace.

                ~~ Mahatma Gandhi

Worse

Nirant Gurav's avatarThe poem zone

Falling in love can be

So Dangerous…

You never know

When someone you trust

With your soul

Will leave you.

And for better or for worse

They always do.

_Niran†.

.

.

©The Poem Zone

All Rights Reserved !!


🎀Happy Blogging 🎀

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हमारी यात्रा -यूनियन बैंक शताब्दी वर्ष

यह कविता मेरी बेटी चाँदनी सहाय, अधिकारी, यूनियन बैंक की रचना है. उसे इसके लिए यूनियन बैंक , हिंदी कविता प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है. जो मेरे लिये असीम गर्व की बात है।

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कर कमलों से उद्घाटतृित हो,

खङे हैं  अटल-अचल हम एक सदी से।

एकता, अपनापन अौर सेवा-भाव से।

देश अौर देशवासियों  की  ईकोनॉमी संम्भाले का दायित्व निभाते।

दृष्टिबधितों को ए टी एम  ,

सिक्किम नाथूलाल में सबसे ऊँचाई पर ए टी एम जैसी जिम्मेदारियाँ  निभा रहें हैं।

आज हम एक शताब्दी ….. 100 वीं वर्षगांठ मना रहें हैं!!

इस लंबी यात्रा में ना जाने कितनी उपलब्धियाँ हासिल की।

पूँजी बाजार में शामिल हुए, टेक्नो-सेवी बैंक होने की ख्याति पाई,

युमोबाइल, टेब्यूलस बैंकिंग, यूनियन सेल्फी,

आधुनिक बैंकिंग विचारधारा वाला एक अग्रणी बैंक बन,

डिमोनीटाईजेशन के समय रात दिन एक कर  सम्मान अर्जित किया।

पहले-पहल हिंदी में वार्षिक रिपोर्ट बनाईं,

ऐसे ना जाने, कितनी मोतियाँ हैं हमारे उपल्बधियों की माला में।

अखंडता, शक्ति और साझेदारी का प्रतिनिधित्व करती हुई,

हमारे यूनियन बैंक इंटरलॉक प्रतीक की तरह।

आज हम सेंटेनरी…… 100 वीं सालगिरह मना रहें हैं!!!!

सबों को बधाई अौर आभार!

राष्ट्र सेवा कर राष्ट्रपति पुरस्कार पाया।

यह प्यार, यह सम्मान  बना रहे …..

अच्छे लोग अच्छा बैंक,

“बैंक के साथ अच्छे लोग” की भावना बनी रहे…….

कामना है  सभी स्वस्थ रहें, सुखी रहें –

“सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः।”

Image courtesy- Chandni Sahay.

डाकिया खुदा का

Anonymous. Forwarded as received.

जिंदगी के रंग -117

मेरे ख्याल में दिल की सच्ची अभिव्यक्ति ही सही लेखन है। यह कविता किसी ब्लॉगर द्वारा की गई सराहना का परिणाम है- Aapki kavitayein bahot hi achi lagti hai hamein!!

The secret of good writing is telling the truth. – Gordon Lish

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कुछ जिंदगी की हकीकत, कुछ सपने,

थोङी कल्पनाअों के ताने-बाने

जब शब्दों में ढल कर

अंगुलियों से टपकते हैं पन्ने पर।

तब बनती हैं कविता।

जो अंधेरा हो ना हो फिर चांद अौर बिखरी चाँदनीं दिखाती हैं।

जो लिखे शब्दों से दिल में सच्चा एहसास जगाती हैं।

ऐसे जन्म लेती हैं कविताएँ -कहानियाँ।

 

ज़िंदगी के रंग – 116

प्यार से आसमान ,

पेड़ों , फूलों, पत्तों , पंछियों को देखो

और भर लो अपने अंदर गहरी लम्बी सासं,

लबों पर छाने दो हल्की की मुस्कुराहट,

कुछ देर बैठो अपने साथ .

गुफ़्तगू …..बातें करो अपने आप से .

जी लो ज़िंदगी के पल,

भूल ग़मों को .

यह ज़िंदगी नियामत है ऊपर वाले की .

कब तक टुकड़े टुकड़े में जीते और मरते रहोगे ?