Tag: समंदर
कहानी
कुछ समंदर का भंवर देखना था…
Reblogged, Posted by Neeraj Kumar at 9:44 AM Monday, January 28, 2019
![Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers](https://cdn.indiblogger.in/badges/235x96_top-indivine-post.png)
कुछ समंदर का भंवर देखना था,
कुछ मुक़द्दर का असर देखना था I
कुछ तूफान का क़हर देखना था,
कुछ अपमान का ज़हर देखना था I
कुछ प्रस्तर में अंकुर देखना था,
कुछ जलधर का शरर देखना था I
कुछ सपनों में अग्यार देखना था,
कुछ अपनो में अहंकार देखना था I
###
शरर : चिंगारी
अग्यार : अजनबी
जलधर : बादलप्रस्तर : पत्थर
ज़िंदगी के रंग -114
दर्द ने बताया
समंदर बाहर हो या
दिल अौ आँखों के अंदर .
दोंनो खारे होते हैं.
![](https://rekhasahay.com/wp-content/uploads/2017/05/r.jpg)
सुनहरे रेत में, सोने में ढलते सपने
News – Saudi Arabia’s proposed $500 billion mega-city
जहाँ चारो अोर रेत का समंदर है,
वे भी बिना ङरे सबसे आगे जाने ,
नये हौसले दिखाने का साहस कर रहें हैं,
फिर हम तो सामर्थवान हैं।
युवा शक्ति अौर योग गुरु हैं।
बस सुनहरे सपने देखने अौर
उसे पूरा करने के हौसले की हीं तो जरुरत है।
ख्वाब अौर यादें
हर शाम अौ रात ख्वाबों अौर यादों के
समंदर में गुजरती है
लेकिन
पानी में हाथ ङालते चाँद,
हिल कर खो जाता है…..
रेत अौर समंदर
समंदर हँसा रेत पर – देखो हमारी गहराई अौ लहराती लहरें,
तुम ना एक बुँद जल थाम सकते हो, ना किसी काम के हो।
रेत बोला —
यह तो तुम्हारा खारापन बोल रहा है,
वरना तुम्हारे सामने – बाहर अौर अंदर भी हम हीं हम हैं
— बस रेत हीं रेत !!!
You must be logged in to post a comment.