ज़िंदगी के रंग – 116

प्यार से आसमान ,

पेड़ों , फूलों, पत्तों , पंछियों को देखो

और भर लो अपने अंदर गहरी लम्बी सासं,

लबों पर छाने दो हल्की की मुस्कुराहट,

कुछ देर बैठो अपने साथ .

गुफ़्तगू …..बातें करो अपने आप से .

जी लो ज़िंदगी के पल,

भूल ग़मों को .

यह ज़िंदगी नियामत है ऊपर वाले की .

कब तक टुकड़े टुकड़े में जीते और मरते रहोगे ?

चाँद अमावस हो गया

रात जागती रही

जागते ख्वाब पलकों के दर पर

इंतज़ार करते रहे…….

पुनम की रात सागर की ऊँची लहरें

चाँद को चूमने की कोशिश

करते करते हार कर सोने लगी……..

  पूनम के पूरे चाँद के फिर आने के इंतज़ार में .

और चाँद धीरे-धीरे

 जल कर  अमावस हो गया ……….