प्यार से आसमान ,
पेड़ों , फूलों, पत्तों , पंछियों को देखो
और भर लो अपने अंदर गहरी लम्बी सासं,
लबों पर छाने दो हल्की की मुस्कुराहट,
कुछ देर बैठो अपने साथ .
गुफ़्तगू …..बातें करो अपने आप से .
जी लो ज़िंदगी के पल,
भूल ग़मों को .
यह ज़िंदगी नियामत है ऊपर वाले की .
कब तक टुकड़े टुकड़े में जीते और मरते रहोगे ?